तेरा चेहरा क्या क्या ना साहे हमाने सीतम आप की कातिर - The Indic Lyrics Database

तेरा चेहरा क्या क्या ना साहे हमाने सीतम आप की कातिर

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - मेरे हुज़ूर | वर्ष - 1968

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तेरा चेहरा कँवल समझता हूँ
चाँदनी का बदल समझता हूँ
तेरी आँखें नहीं दो मिस्रें हैं
तेरी आँखें ग़ज़ल समजह्ता हूँतेरा चेहरा सुबह का सूरज है
तुझसे मिलने की आस रहती है
तेरे जलवे कहीं भी रोशन हो
रोशनी दिल के पास रहती हैक्या क्या न सहे हम ने सितम आप की खातिर
ये जान भी जायेगी सनम आप की खातिरतड़पे हैं सदा अपनी क़सम आप की खातिर
निकलेगा किसी रोज़ ये दम आप की खातिरइक आप जो मिल जायें तो मिल जाये खुदाई
मंज़ूर हैं दुनियाँ के अलम आप की खातिरहम आप की तसवीर निगाहों में छुपाकर
जागा किये अक़्सर शब-ए-ग़म आप की खातिरलोगों ने हमें आप का दीवाना बताया
ऐसे भी हुए हम पे करम आप की खातिरहम राह-ए-वफ़ा से कभी पीछे न हटेंगे
सुन लीजिये मिट जायेंगे हम आप की खातिर