पागल पागलपन दीवानों को है कौन रोके जो यहाँ - The Indic Lyrics Database

पागल पागलपन दीवानों को है कौन रोके जो यहाँ

गीतकार - समीर | गायक - श्रद्धा पंडित, रेमंड जॉर्ज | संगीत - राजू सिंह | फ़िल्म - पागलपान | वर्ष - 2001

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पागल पागल पागलपन पन पन पन पन पन
दीवानों को है कौन रोके जो यहां
अब धरती से मिलके रहेगा आसमां
बड़ा मुश्किल है हम तक पहुँचना
हमपे छाया है ओ जान-ए-मन पागलपन
पागल पागल ...दीवार दुनिया उठाए हज़ारों लगाए भले लाख पहरे
गुजरेंगे इस राह से हम सनम हम सनम हम सनम
आँधी हो चाहे तूफ़ां उड़ के दिल के परिंदे ना ठहरे
करने लगा इनका मन पागलपन पागलपन पागलपन
दीवानों को ...फूलों को खुश्बू से बादल को बूंदों कोई जुदा कर न पाए
बिछड़ेंगे अब तो न हम है कसम है कसम है कसम
ओ सागर की बहती लहरें हमको कोई मिटा के दिखाए
है आशिक़ों का मिलन पागलपन पागलपन पागलपन
दीवानों को ...