मोरे जुबाना का देखो उभार पापी - The Indic Lyrics Database

मोरे जुबाना का देखो उभार पापी

गीतकार - जोश मलिहाबादी | गायक - जोहराबाई अंबलेवाली | संगीत - एस के पाल | फ़िल्म - मन की जीत | वर्ष - 1944

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मोरे जुबना का देखो उभार
पापी जुबना का देखो उभारजैसे नदी की मौज
जैसे तुर्कों की फ़ौजmale voice: left, right, left, right ...जैसे सुलगे से बम
जैसे बालक उधम
जैसे कोयल पुकार
देखो-देखो उभार ...जैसे हिरनी कुलेल
जैसे तूफ़ान मेल
जैसे भँवरों की झूम
जैसे सावन की धूम
जैसे गाती फुहार
देखो-देखो उभार ...जैसे सागर पे भोर
जैसे उड़ता चकोर
जैसे गेंदवा खिले
जैसे लट्टू हिले
जैसे गद्दर अनार
देखो-देखो उभार ...