उनके लबों पे है खामोशी मेरी जुबाँ इज़हार करे - The Indic Lyrics Database

उनके लबों पे है खामोशी मेरी जुबाँ इज़हार करे

गीतकार - श्याम अनुरागी | गायक - सुनिधि चौहान, सोनू निगम, संताप्ति | संगीत - मिलिंद सागर | फ़िल्म - प्यार किया नहीं जाता | वर्ष - 2002

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उनके लबों पे है खामोशी मेरी ज़ुबां इज़हार करे
दिल को यकीं है चुप रहकर वो बेहद मुझसे प्यार करे
उनके लबों पे ...खामोश सी इक प्यास हो तुम
करती हो हर पल तुम होश गुम
ये चेहरा शरम से सिमटता हुआ
ये आँचल बदन से लिपटता हुआ
ये ज़ुल्फ़ों के बादल बिखरते हुए
ये साँसों के तूफ़ां महकते हुए
पलपल गुमसुम हरपल गुमसुम
ऐसे में जाना तेरा पास आना मुझको करे बेकरार हो
उनके लबों पे ...मैने तुम्हें अपना ही समझा
कुछ भी न सोचा इसके सिवा
मेरी जां रहो तुम मेरे रूबरू
ये मौसम कहेगा मेरी आरज़ू
धड़कता है ये दिल तुम्हारे लिए
ये कह दो हैं कुछ पल हमारे लिए
तुमसे मेरी सारी खुशियाँ
इस आसमां में सारे जहाँ में
तुम हो मेरे ऐतबार हो
उनके लबों पे ...