बुल्लेया - The Indic Lyrics Database

बुल्लेया

गीतकार - इरशाद कामिलो | गायक - पापोन | संगीत - विशाल - शेखर | फ़िल्म - सुल्तान | वर्ष - 2016

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कुछ रिश्तों का नमक ही दूरी होता है
ना मिलना भी बहोत ज़रूरी होता है
दम दम दम दम तू मेरा दम दम
मेरा हर दम दम दम दम
तू बात करे या ना मुझसे
चाहे आँखों का पैग़ाम ना ले
पर ये मत कहना अरे ओ पगले
मुझे देख ना तू, मेरा नाम न ले
तुझसे मेरा दीन धरम है
मुझसे तेरी खुदाई
तू बोले तो बन जाऊँ मैं बुल्ले शाह सौदाई
मैं भी नाचूँ मनाऊँ सोह्णे यार को चलूँ मैं तेरी राह बुल्लेया
मैं भी नाचूँ रिझाऊँ सोह्णे यार को करूँ ना परवाह बुल्लेया
मेरा हर दम दम हर दम तू
मेरा मेहरम तू मरहम तू
माना अपना इश्क़ अधूरा
दिल ना इस पे शर्मिंदा है
पूरा होके ख़तम हुआ सब
जो है आधा वो ही ज़िंदा है
बैठी रहती हैं उम्मीदें
तेरे घरकी दहलीज़ों पे
जिसकी ना परवाज़ ख़तम हो
दिल ये मेरा वही परिदा है
बक्शे तू जो प्यार से मुझको तो हो मेरी रिहाई
तू बोले तो बन जाऊँ मैं बुल्ले शाह सौदाई
मैं भी नाचूँ मनाऊँ सोह्णे यार को चलूँ मैं तेरी राह बुल्लेया
मैं भी नाचूँ रिझाऊँ सोह्णे यार को करूँ ना परवाह बुल्लेया
मेरा हर दम दम हर दम तू
तू याद करे या ना मुझको
मेरे जीने में अंदाज़ तेरा
सर-ए-आँखों का पर है तेरी नाराज़ी
मेरी हार में है कोई राज़ तेरा
शायद मेरी जान का सदका माँगे तेरी जुदाई
तू बोले तो बन जाऊँ मैं बुल्ले शाह सौदाई
मैं भी नाचूँ मनाऊँ सोह्णे यार को चलूँ मैं तेरी राह बुल्लेया
मैं भी नाचूँ रिझाऊँ सोह्णे यार को करूँ ना परवाह बुल्लेया
मेरा हर दम दम हर दम तू
मेरा मेहरम तू मरहम तू
कुछ रिश्तों का नमक ही दूरी होता है
ना मिलना भी बहोत ज़रूरी होता है