मेरी आँखों में मेरे मन में पिया छाये - The Indic Lyrics Database

मेरी आँखों में मेरे मन में पिया छाये

गीतकार - डी एन मधोकी | गायक - खुर्शीद, सहगान | संगीत - ज्ञान दत्त | फ़िल्म - मुसाफिर | वर्ष - 1940

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मेरी प्यारी पतंग

मेरी प्यारी पतंग

चली बादल के संग

ज़रा धीरेधीरे हो ज़रा हौलेहौले

दे ढील दे ढील ओ री सखी

को : हाय वो काटा वो काटा वो काटा

देखो जी देखो जी

मेरी प्यारी पतंग

चली बादल के संग

उ : मेरे दिल में उमंग

भरा उल्फ़त का रंग

ज़रा धीरेधीरे हो ज़रा हौलेहौले

दे ढील दे ढील ओ री सखी

को : हाय वो काटा वो काटा वो काटा

देखो जी देखो जी

मेरे दिल में उमंग

भरा उल्फ़त का रंग

श : मस्त जवानी देख पुकारें

दो नैना मतवाले

को : दो नैना मतवाले

श : है कोई ऐसा दिलवाला जो

हमसे पेंच लड़ा ले

को : हमसे पेंच लड़ा ले

श : देखो पतंग मोरी

गंगा के पार चली

को : गंगा के पार चली

श : ले के सन्देसा मोरा

साजन के द्वार चली

को : साजन के द्वार चली

श : पंछी से छीन लिया

उड़ने का ढंग

को : ज़रा धीरेधीरे हो ज़रा हौलेहौले

दे ढील दे ढील हो री सखी

हाय वो काटा वो काटा वो काटा

देखो जी देखो जी

मेरी प्यारी पतंग

चली बादल के संग

उ : दो नैनों के पेंच लड़े

एक जीता और एक हारा

को : एक जीता एक हारा

उ : प्यार ने जिस दम ली अंगड़ाई

दिल ने कहा वो मारा

को : दिल ने कहा वो मारा

उ : कैसा ये पेंच पड़ा

माँझे की धार गई

को : माँझे की धार गई

उ : ऐसे में आ जा मोरे

साजन मैं हार गई

को : साजन मैं हार गई

उ : टूटे न डोर कहीं

कहीं छूटे न संग

को : ज़रा धीरेधीरे हो ज़रा हौलेहौले

दे ढील दे ढील हो री सखी

हाय वो काटा वो काटा वो काटा

देखो जी देखो जी

मेरे दिल में उमंग

भरा उल्फ़त का रंग

दे ढील दे ढील

दे ढील दे ढील

वो काटा वो काटा

वो मारा