याही आराज़ुउ थी दिल की की करीब यार होता - The Indic Lyrics Database

याही आराज़ुउ थी दिल की की करीब यार होता

गीतकार - जद्दन बाई | गायक - जुगल किशोर | संगीत - जद्दन बाई | फ़िल्म - मैडम फैशन | वर्ष - 1936

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यही आरज़ू थी दिल की कि क़रीब यार होता
और हज़ार जाँ से क़ुरबाँ मैं हज़ार बार होतान सही अगर नहीं था बुत-ए-बेवफ़ा पे क़ाबू
यही बस था मेरे बस में दिल-ए-बेक़रार होताजो पिलाना था पिलाता कोई ऐसी मय ऐ साक़ी
जिसे पी के ताब महशर न मैं होशियार होताहर एक आफ़तों का करता मैं ख़ुशी से ख़ैर-मक़दम
मैं अलम को भूल जाता जो तू ग़मगुसार होतातुझे लुत्फ़-ए-दीद मिलता मुझे लुत्फ़-ए-मर्ग क़ातिल
मैं हमेशा मरता रहता कोई ऐसा वार करता