वो अपनि याद दिलाने को - The Indic Lyrics Database

वो अपनि याद दिलाने को

गीतकार - अज़ीर सरहदी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, सहगान | संगीत - फ़िरोज़ निज़ामी | फ़िल्म - जुगनू | वर्ष - 1947

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वो अपनी याद दिलाने को
इक इश्क़ कि दुनिया छोड़ गये
जलदी मेन लिपिस्टिक भूल गये
रूमाल पुराना छोड़ गयेआशिक़ जो हुए थे हम उनपर
दिन-रात लगाते थे चक्कर
सब कुछ तो बताया हम ने मगर
पिट जाने का क़िस्सा छोड़ गयेदौलत का हमें अरमान रहा
इस इश्क़ में भी नुक़सान रहा
दो आने का भी जो बिक न सका
पीतल का वो बुन्दा छोड़ गएमुफ़लिस थे जनाब-ए-मजनूँ भी
सुनते हैं जब उनकी मौत आई
पाकिट से न निकली इक पाई
लैल का वो कुत्ता छोड़ गयेजीने से हैं हम अपने ख़फ़ा
और मरने से है डर लगता
थे मर्द जिन्हों ने ज़हर पिया
आराम से दुनिया छोड़ गयेतलवार दिखा कर हम ने कहा
करती हो हमें तुम क्यों रुसवा
सुन लोगी किसी दिन मुरली-धर
इस इश्क़ में दुनिया छोड़ गये