चांदनी चौक की दूर दूर क्यूँ बैठी तू - The Indic Lyrics Database

चांदनी चौक की दूर दूर क्यूँ बैठी तू

गीतकार - समीर | गायक - अनु मलिक, जसपिन्दर नरूला | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - जंग | वर्ष - 2000

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चाँदनी चौक की चाँदनी है तू लाल किले की लाली
चुम्मा दे दे चुम्मा दे दे नईं ते दूंगा गाली
दूर दूर क्यूं बैठी तू खनकाती है क्यूं चूड़ियाँ
सानूं दस दे की तेरी मजबूरियाँ
ओय दूर दूर क्यूं ...चल्ली वे चल्ली हवा प्यार दी चल्ली
कदी ते कदी ते कदी ते आना बल्ली दी गली होरल कुड़ियां ने वेखो सोणी ल.म्बी रेल चलाई
जोड़के डब्बा डब्बा वेखो चंगी रेल बणाई
परां हो जा सोणेया साड्डी रेल गड्डी आई
परां हो जा हांणियां साड्डी रेल गड्डी आई
हो परां हो जा मुंडेया साड्डी रेल गड्डी आईबल्ली की गली में हैं रंग कितने
आसमां पे तारे जितने आय हाय
सोनी चनाबों वाली सुन तो ज़रा
तेरे माही का दिल अभी तो नहीं भरा आय हाय
पैग पटियाला आँखें मेरी कमर जलंधर की
दिल मैं तुझको दूं ना दूं ये बात है अंदर की
देखके मेरी चाल नशीली जान सभी की जल्ली
कदी ते हाय कदी ते होय कदी ते आना ...शावा ओ शावा शावा
बल्ले बल्ले बल्ले शावा ओ शावा शावा शावाबल्ली की गली में तो आना है ज़ुरूर
जळी तू करता है ये तेरा है कुसूर आय हाय
जो भी तू चाहे तुझे मिल जो गया
क्या होगा जो तू मुझे भूल गया आय हायबल्ली बातों का पक्का जो कहता है वो करता
प्यार हो या जंग हो बल्ली नहीं डरता
कर ले भरोसा मुझपे कुड़िये आजा कल्लम कल्ली
आऊंगी बाल्ली तेरी ही गली
कदी ते आना ...