एक कली नाज़ोन की पाली - The Indic Lyrics Database

एक कली नाज़ोन की पाली

गीतकार - वाली साहब | गायक - शमशाद बेगम | संगीत - गुलाम हैदर | फ़िल्म - | वर्ष - 1941

View in Roman

( एक कली नाज़ों की पली
एक कली नाज़ों की पली रहती थी सदा गुलज़ारों में ) -२चर्चा था उसके यौवन का
चर्चा था उसके यौवन का नीले आकाश के तारों में -२इक दिन खेल रही थी हँस हँस के
हा हा हा हा
इक दिन खेल रही थी हँस हँस रंग बरंगे फूलों में -२झूल रही थी झूला डाले पुष्पलता के झूलों में -२इतने में इक भँवरे ने उस कली से नैन मिलाये -२
नैनों की भाषा में जाने क्या क्या भेद बताये -२
कली जो हँस कर फूल बनी तब भँवरा आ गया पास -२
छिन भर में फिर चीन लिया सब रंग रूप और बास -२