दिल की दुनिया में कोई हमसा भी सौदाई ना हो - The Indic Lyrics Database

दिल की दुनिया में कोई हमसा भी सौदाई ना हो

गीतकार - कतील शिफाई | गायक - आशा भोंसले | संगीत - मास्टर अब्दुल्लाह | फ़िल्म - कशिश (गैर फिल्म) | वर्ष - 1988

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दिल की दुनिया में कोई हमसा भी सौदाई न हो
चाक दामन बन के भी चाहे कि रुस्वाई न होउसकी तस्वीरें दिखाई दें हमें साँस में
ज़िंदगी उसका सरापा ओढ़ कर आई न होजब मुक़द्दर बट रहा था इश्क़ ने आवाज़ दी
मुझको दे दो ऐसी आँखों जिनमें बीनाई न होऐ ख़याल-ए-यार उस दुनिया में पहुँचा दे हमें
जिसमें तन्हा रह के भी एहसास-ए-तन्हाई न होबज उठी हैं घंटियाँ नागहाँ दिल में 'क़तील'
उसने भूले से कहीं मेरी ग़ज़ल गाई न हो