जब किसी को किसी से मोहब्बत होती है कैसा ये प्यार है - The Indic Lyrics Database

जब किसी को किसी से मोहब्बत होती है कैसा ये प्यार है

गीतकार - समीर | गायक - कविता कृष्णमूर्ति, कुमार शानू | संगीत - संजीव दर्शन | फ़िल्म - खिलाड़ी 420 | वर्ष - 2000

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जब किसी को किसी से मोहब्बत होती है
ये न पूछो सनम कैसी हालत होती है
ना सुबह का पता ना खबर शाम की
क्या किसी से कहें जान-ए-जां
कैसा ये प्यार है ये कैसा प्यार है
जब किसी को किसी से ...जिसने किया है उसको पता
कैसा नशा है इस दर्द का
ना रोक राहें जान-ए-वफ़ा
करने दे मुझको तू ये खता
अब तो मिटा फ़ासला
हर घड़ी बेखुदी हर घड़ी बेबसी
क्यूं सताने लगीं दूरियां
कैसा ये प्यार है ...चेहरा तेरा ये मेरे सनम
मेरी नज़र में है छाने लगा
कैसे स.म्भालूं इसको भला
सीने से ये दिल जाने लगा
चलता नहीं बस मेरा
ना तुझे चैन है ना मुझे होश है
धड़कनें बन गईं हैं ज़ुबां
कैसा ये प्यार है ...