तुमने पुकारा और हम चले आए - The Indic Lyrics Database

तुमने पुकारा और हम चले आए

गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - मोहम्मद रफ़ी, सुमन कल्याणपुर | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - राजकुमार | वर्ष - 1964

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र: (तुम ने पुकारा और हम चले आए
दिल हथेली पर ले आए रे) -२
सु: (तुम ने पुकारा और हम चले आए
जान हथेली पर ले आए रे) -२र: आओ बैठो हमारे पहलू में पनाह ले लो
मेरी जलती हुई आँखों पे ये आँखें रख दो
ऐ मेरे प्यार के ख़्वाबों की हसीं शहज़ादी
होंठ क्यों कांप रहे हैं, ज़रा कुछ तो बोलोसु: तुम ने पुकारा और हम चले आए
जान हथेली पर ले आए रे
र: तुम ने पुकारा और हम चले आएसु: आज खेलो मेरी ज़ुल्फ़ों से, इजाज़त है तुम्हें
मुझको छू लो, मेरी नस नस में शरारे भर दो
मेरे दिलदार मेरी आँखों में रहने वाले
मैं तुम्हारी हूँ, मेरी माँग में तारे भर दोर: तुम ने पुकारा और हम चले आए
दिल हथेली पर ले आए रेर: नाम रौशन है तुम्हीं से मेरे अफ़साने का
ज़िंदगी नाम है उल्फ़त में जीए जाने का
तुम अगर हमको न मिलते तो ये सूरत होती
लोग ले जाते जनाज़ा तेरे दीवाने कासु: तुम ने पुकारा और हम चले आए
जान हथेली पर ले आए रे
र: तुम ने पुकारा और हम चले आए