स्वर्ग से सुंदर - The Indic Lyrics Database

स्वर्ग से सुंदर

गीतकार - प्रेम धवन | गायक - सुरेश वाडकर - सुषमा श्रेष्ठ - चन्द्राणी मुखर्जी - अलका याज्ञिक | संगीत - चित्रगुप्त | फ़िल्म - घर द्वार | वर्ष - 1985

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कोई जाए काशी कोई जाए मथुरा
कोई जाए हरीद्वार
मेरे लिए तो सब से बड़ा तीर्थ है मेरा घर-द्वार
स्वर्ग से सुंदर सपनों से प्यारा
है अपना घर द्वार
हम पर रहें बरसता यूँही
सदा तुम्हारा प्यार
तुम्हारा प्यार ना रूठे
कभी ये घर द्वार ना छूटे
घर आँगन में खेले
मेरे सूरज चंदा तारे
इनके लिए है जीना
मुझको ये जान से प्यारे
कहाँ मिलेगी ऐसी ममता
इतना प्यार दुलार
तुम्हारा प्यार ना रूठे
कभी ये घर द्वार ना छूटे
मात-पिता तुम मेरे
तुम साथी संग सहारे
तुम से मिला है जीवन
तुम हो भगवान हमारे
जनम ले जब भी गोद तुम्हारी
हमको मिले हर बार
तुम्हारा प्यार ना रूठे
कभी ये घर द्वार ना छूटे
हमको इन्ही चरणों में
जीवन के मिले सुख सारे
इनकी ही पूजा से
जागे है भाग हमारे
इनकी सेवा कर ना सके तो
जीवन है बेकार
स्वर्ग से सुंदर सपनों से प्यारा
था अपना घर द्वार
कभी बरसता था यूँही
सदा तुम्हारा प्यार
किसी का प्यार ना रूठे
किसी का घर द्वार ना छूटे
आज सुहाग है बेबस
मेरी ममता नीर बहाए
भगवान बना पत्थर क्यों
क्यों तुम को दया ना आए
जाऊँ कहाँ, पुकारूँ किसको
कौन मेरा आधार