गीतकार - | गायक - | संगीत - | फ़िल्म - | वर्ष - 2016
View in Romanझूठा जग रेन बसेरा
साँचा दर्द मेरा
मृग-तृष्णा से मोह पिया
नाता मेरा तेरा
नैना..जो सांझे ख्वाब देखते थे
नैना..बिछड़ के आज रो दिए हैं यूँ
नैना..जो मिलके रात जागते थे
नैना..सेहर में पलकें मीचते हैं यूँ
जुड़ा हुवे कदम
जिन्होंने ली थी ये कसम
मिलके चलेंगे हरदम
अब बाँट’ते हैं ये ग़म
भीगे नैना..जो सांझे ख्वाब देखते थे
नैना..बिछड़ के आज रो दिए हैं यूँ
साँस हैरान है
मैं परेशान है
हो रही सी क्यूँ रुआंसा क्यूँ ये मेरी जान है
क्यों निराशा से है
ास हारि हुयी
क्यूँ सवालों का ुतः सा
दिल में तूफ़ान है
नैना..थे आसमान के सितारे
नैना..ग्रहण में आज टूट’ते हैं यूँ
नैना..कभी जो धुप सेकते थे
नैना..ठहर के छाओं ढूंढते हैं यूँ
जुड़े हुए कदम
जिन्होंने ली थी ये कसम
मिलके चलेंगे हरदम
अब बाँट’ते हैं ये ग़म
भीगे नैना..जो सांझे ख्वाब देखते थे
नैना..बिछड़ के आज रो दिए हैं यूँ..