बुझा दिए हैं खुद अपने हाथों - The Indic Lyrics Database

बुझा दिए हैं खुद अपने हाथों

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - सुमन कल्याणपुर | संगीत - खय्याम | फ़िल्म - शगून | वर्ष - 1964

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बुझा दिए हैं खुद अपने हाथों
मोहब्बतों के दीये जला के
मेरी वफ़ा ने उजाड़ दी है
उम्मीद की बस्तियाँ बसा के
तुझे भुला देंगे अपने दिल से
ये फ़ैसला तो किया है लेकिन
न दिल को मालूम है न हमको
जिएँगे कैसे तुझे भुला के
कभी मिलेंगे जो रास्ते में
तो मुँह फिराकर पलट पड़ेंगे
कहीं सुनेंगे जो नाम तेरा
तो चुप रहेंगे नज़र झुका के
न सोचने पर भी सोचती हूँ
कि ज़िंदगानी में क्या रहेगा
तेरी तमन्ना को दफ़्न कर के
तेरे ख़यालों से दूर जाके