मेरे सिपहिया हमारी गली अइयो - The Indic Lyrics Database

मेरे सिपहिया हमारी गली अइयो

गीतकार - राज कुंवरी | गायक - चितलकर, शमशाद | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - सिपहिया | वर्ष - 1949

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मेरी मिट्टी की दुनिया निराली
ओऽऽ जहाँ भगवान बसें

फूलों से रंग चुराया
काँटों से दर्द मिलाया
कोमल सा पंखड़ियों से
बेलों ने प्यार सिधाया
मैं हूँ सुन्दरबन का माली
ओऽऽ जहाँ भगवान बसें ...

हिरनों ने आँखें फेरीं
मोरों ने नाच सिखाया
मध भरी कोयल की कू कू
पी पी पपीहा ने गया
बन के पंछी की उमदा निशानी
ओऽऽ जहाँ भगवान बसें ...

गुर्बों का साथ जहाँ है
परियों का नाच जहाँ है
सुन्दर तानों का रसीला
प्रेम का गीत जहाँ है
मैं ने जादू की नगरी बसा ली
ओऽऽ जहाँ भगवान बसें ...

हों जहाँ चाँदनी रातें
प्यार-ओ-मुहब्बत की घातें
सुन्दर सुनहरा जीवन हो
क्यूँ न हों प्यार की बातें
तू ने गंगा की नदिया बहाली
ओऽऽ जहाँ भगवान बसें ...

जीवन में था जो अँधेरा
किरणों ने किया सवेरा
खिला कमल है सुहाना
स्वर्ग बना घर तेरा
तू ने प्रीत नगरिया बसाली
ओऽऽ जहाँ भगवान बसें ...