दंगल (टाइटल) - The Indic Lyrics Database

दंगल (टाइटल)

गीतकार - | गायक - | संगीत - | फ़िल्म - | वर्ष - 2016

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रे लठ्ठ गाड़ दूँ
रे जादा पाद दून
रे लठ्ठ गाड़ दूँ
रे जादा पाद दून

माँ के पेट से मरघट तक
है तेरी कहानी पग पग प्यारे
दंगल दंगल
दंगल दंगल
सूरज तेरा चढ़ता ढलता
गर्दिश में करते हैं तारे
दंगल दंगल
दंगल दंगल

माँ के पेट से मरघट तक
है तेरी कहानी पग पग प्यारे
दंगल दंगल
दंगल दंगल
सूरज तेरा चढ़ता ढलता
गर्दिश में करते हैं तारे
दंगल दंगल
दंगल दंगल

धड़कने छाती में
जब दुबक जाती हैं
पीठ थपथपा
उनको फिर जागा
बात बन जाती है

बावले हाथी सी
हर चुनौती है रे
सामने कड़ी
घूर के बड़ी
आँख दिखलाती है
तोह आँख से उसकी आँख मिला के
भीड़ जाने का नाम है प्यारे
दंगल दंगल
दंगल दंगल

सूरज तेरा चढ़ता ढलता
गर्दिश में करते हैं तारे
दंगल दंगल
दंगल दंगल

रे लठ्ठ गाड़ दूँ
रे जादा पाद दून
रे लठ्ठ गाड़ दूँ
रे जादा पाद दून

ठोस मजबूत भरोसा
अपने सपनो पे करना
जितने मुंह उतनी बातें
गौर कितनों पे करना

आज लोगों की बारी
जो कहें कह लेने दे
तेरा भी दिन आएगा
उस दिन हिसाब चूका के रहने…

अरे भेद की हहाकार के बदले
शेर की एक दहाड़ है प्यारे
दंगल दंगल
दंगल दंगल

सूरज तेरा चढ़ता ढलता
गर्दिश में करते हैं तारे

दंगल दंगल…हो हो…
दंगल दंगल…हो हो…
दंगल दंगल…हो हो…
दंगल दंगल…हो हो…

लट्ठ गाड़ दूँ
रे जादा पाद दून
रे लठ्ठ गाड़ दूँ
रे जादा पाद दून

कर दिखाने का मौका
जब भी किस्मत देती है
गिण के तयारी के दिन
तुझको मोहलत देती है

मांगती है लागत में
तुझसे हर बूँद पसीने
पर मुनाफा बदले में
ये जान ले बेहद्द देती है

रे बन्दे की म्हणत को किस्मत
का सादर प्रणाम है प्यारे
दंगल दंगल
दंगल दंगल

सूरज तेरा चढ़ता ढलता
गर्दिश में करते हैं तारे

दंगल दंगल…
दंगल दंगल…
दंगल दंगल…
दंगल दंगल…
दंगल दंगल…