उलझन को दे दिया है तुमने जो मेरा पता - The Indic Lyrics Database

उलझन को दे दिया है तुमने जो मेरा पता

गीतकार - सुब्रत सिन्हा | गायक - के के, संजीवनी | संगीत - संदेश शांडिल्य | फ़िल्म - रुल्स: प्यार का सुपरहिट फॉर्मूला | वर्ष - 2003

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उलझनों को दे दिया है तुमने जो मेरा पता
तो आ गईं यहाँ पे देखो ले के वो बेचैनियाँ
तुम ही बताओ हमको दिल को क्या बतायें हम
ये जो भी है वो ख़्वाब है या है ज़िंदगीमले
ज़िंदगी है ख़्वाब है इसका क्या जवाब है
क्यूँ उलझ गई हो तुम ये सीधा सा हिसाब है
और अपने दिल को भी बताओ तुम यही के ये
ख़्वाब ही तो ज़िंदगी है ज़िंदगी ही ख़्वाब हैफ़ेमले
क्या हुआ
थे अभी तो तुम वहाँ
आ गये कैसे मेरे वास्तेमले
मंज़िलें
ढूँढते हुए यहीं
हो गये ख़त्म सारे रास्तेफ़ेमले
जाने कैसे रास्तों पे और ये कैसी मंज़िलों पे
आ गये हैं आज-कल के हम जहाँ पे हो गये
थोड़े-थोड़े पागलों से ये भी सोचते नहीं
के पागलों सा मन मेरा सोचता है क्यामले
सोचने को सोचना बड़ा हसीं ख़याल है
खुद को कहना पागलों सा ख़ूब ये मिसाल है
अपने को समझ के भी ये कुछ भी न समझने की
तेरी ये ही सादगी तो बस तेरा कमाल हैफ़ेमले
हाथ में
हाथ लेके यूँ मेरा
बोलो क्या कहना चाहते हो तुममले
हूँ
आया था
कुछ अभी ख़याल में
तुमने जो बोला तो हुआ वो गुमफ़ेमले
क्या वो मेरे प्यार की जगी-जगी सी आरज़ू थी
या वो था मुझे ही अपने दिल में रखने का इरादा
वादा था कोई के अब तो होंगे हम जुदा नहीं
या कहना चाहते थे हमसे प्यार है तुम्हेंमले
मुझे भी लग रहा है जैसे आरज़ू ही थी कोई
जो मुझसे कह रही थी वादे का इरादा है कोई
दिल में रखने की किसी को और जुदा न होने की
प्यार है ये कहने की या थी बात वो कोई