कुछ यादगार ए शहर ए सीतामगर ही ले चलें - The Indic Lyrics Database

कुछ यादगार ए शहर ए सीतामगर ही ले चलें

गीतकार - नासिर काज़मी | गायक - गुलाम अली | संगीत - | फ़िल्म - हसीन लम्हेन 5 (गैर-फिल्म) | वर्ष - 1992

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कुछ यादगार-ए-शहर-ए-सितमगर ही ले चलें
आये हैं इस गली में तो पत्थर ही ले चलेंरंज-ए-सफ़र की कोई निशानी तो पास हो
थोड़ी सी ख़ाक-ए-कूचा-ए-दिलबर ही ले चलेंयूँ किस तरह कटेगा कड़ी धूप का सफ़र
सर पर ख़याल-ए-यार की चादर ही ले चलेंये कह के छेड़ती है हमें दिल-गिरफ़्तगी
घबरा रहे हैं आप तो बाहर ही ले चलेंइस शहर-ए-बे-चराग़ में जायेगी तू कहाँ
आ ऐ शब-ए-फ़िराक़ तुझे घर ही ले चलें