मेहंदी है रची मेरे हाथों में-- चकाले मुंडेया - The Indic Lyrics Database

मेहंदी है रची मेरे हाथों में-- चकाले मुंडेया

गीतकार - सुधाकर शर्मा | गायक - सहगान, सोनू निगम, जसपिन्दर नरूला | संगीत - डब्बू मलिक | फ़िल्म - तुमको ना भूल पायेंगे | वर्ष - 2002

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मेहंदी है रची मेरे हाथों में
झांझर है बांधी मेरे पाँवों में
ओ चकले मुंडिया चकले नचदी कुड़ी नू चकलेमौक़ा ये दिया है रब ने मंजूर किया है सब ने
ओ चक दे मुंडेया चक दे नचदी कुड़ी नू चक देनहीं मिलना फिर ये मौक़ा मौसम है अरमानों का
ओ मेला है घरवालों का स्वागत है मेहमानों का
ये घड़ी है शगुनों वाली है रसम मुरादों वाली
चक दे मुंडेया ...तारों से माँग सजेगी तू मेरी दुल्हनिया बनेगी
ले जायेंगे चाँद चुरा के शगुनों की चुनरिया उढ़ा के
फिर देर न कर साँवरिया ले थाम ले मेरी चुनरिया
ओ चकले मुंडेया ...हम होंगे तेरे सजना ऐनू बांध परांदे रखना
ओ पहन ले मेरा कंगना तैनूं पड़ेगा मैंनू चकना
ना मार तू ऐसी बोली ले चक दे मेरी डोली
चल ढोल बजा वे ढोली तैयार है मेरी डोली
मौक़ा ये दिया है ...