ये क्या के सबासे बयान दिल की हलातेन करणी - The Indic Lyrics Database

ये क्या के सबासे बयान दिल की हलातेन करणी

गीतकार - अहमद फ़राज़ी | गायक - गुलाम अली | संगीत - गुलाम अली | फ़िल्म - महताब (गैर फिल्म) | वर्ष - 1992

View in Roman शुमारगी से जुदाई से साअतें करनीकोई ख़ुदा हो के पत्थर जिसे भी हम चाहें
तमाम उम्र उसी की इबादतें करनीसब अपने अपने करीने से मुन्तज़िर उसके
किसी को शुक्र किसी को शिकायतें करनीमिले जब उनसे तो मुबहम सी गुफ़्तगू करना
फिर अपने आप से सौ सौ वज़ाहत करनी
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ये क्या के सबसे बयाँ दिल की हालतें करनी
'फ़राज़' तुझको न आईं मोहब्बतें करनीये कुर्ब क्या है के तू सामने था और हमें
शुमारगी से जुदाई से साअतें करनीकोई ख़ुदा हो के पत्थर जिसे भी हम चाहें
तमाम उम्र उसी की इबादतें करनीसब अपने अपने करीने से मुन्तज़िर उसके
किसी को शुक्र किसी को शिकायतें करनीमिले जब उनसे तो मुबहम सी गुफ़्तगू करना
फिर अपने आप से सौ सौ वज़ाहत करनी