ओ देखा मैने सारा जहाँ ओ गोरी तू चलिए कहां - The Indic Lyrics Database

ओ देखा मैने सारा जहाँ ओ गोरी तू चलिए कहां

गीतकार - महबूब | गायक - कुमार सानू | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - खौफ़ | वर्ष - 2000

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ओ देखा मैने सारा जहां चला था मैं यहां वहां
ओ ढूंढा तुझे कहां कहां देखो न आना पड़ा यहां
शाम भी हुई जवां मिलन की हैं मस्तियां
मुहब्बत की है फ़िज़ां छोड़ के ऐसा समांओ गोरी तू चली कहां उड़ा के दिल चली कहां
ओ गोरी तू चली कहां चुरा के दिल चली कहां
जाना है तो जां भी ले जा ज़रा
ओ गोरी गोरी चली कहां चोरी चोरी चली कहां
उड़ा के दिल चली कहां चुरा के दिल चली कहां
कभी तू दिन लगे कभी तू रात है
ओए ओए ओए ओए ओए ओए
तुझमें कुछ बात है
हे कभी तू दिन ...कभी तू शोला है आग भड़काती है
कभी तू शबनम है प्यार बरसाती है
हे ओ गोरी तू ...किसी से नज़र मिला किसी से ये दिल लगा
मुहब्बत का खेल खेल जान की बाज़ी लगा
तू अपने प्यार से किसी का जीवन सजा
आने दे आए क़यामत दिल की बस्ती बसा
ओ गोरी गोरी तू ...