आंसू अब तुम कभी ना बहन: - The Indic Lyrics Database

आंसू अब तुम कभी ना बहन:

गीतकार - ब्रजेंद्र गौड़? | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - हुस्नलाल-भगतराम | फ़िल्म - काफिला | वर्ष - 1952

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(आँसू अब तुम कभी न बहना)-२
(अपना दर्द किसी से न कहना)-२
आँसू अब तुम कभी न बहनादिल का लहू जब आँखों में आये
आँसू बनकर ढलका जाये
(लोग लहू को पानी समझे)-२
तुम पलकों में छुपके रहना
आँसू अब तुम कभी न बहना
अपना दर्द किसी से न कहना
आँसू अब तुम कभी न बहनाप्रीत के सपने, सपना हो गये
मौत की नींद में अरमान सो गये
अन्गारों की माला पहनूँ
लुट गया सुख सुहाग का गहना
आँसू अब तुम कभी न बहना
अपना दर्द किसी से न कहना
आँसू अब तुम कभी न बहना