चले जा रह हैं मोहब्बत के मारे किनारे किनारे - The Indic Lyrics Database

चले जा रह हैं मोहब्बत के मारे किनारे किनारे

गीतकार - न्याय शर्मा | गायक - मन्ना दे | संगीत - जयदेव | फ़िल्म - किनारे किनारे | वर्ष - 1963

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चले जा रहे हैं मोहब्बत के मारे
किनारे किनारे, किनारे किनारेन साहिल की परवाह, न तूफ़ाँ का डर है
न ज़ुल्मों का शिकवा न ग़म का असर है
उम्मीदों के बल पर दिलों के सहारे
चले जा रहे हैं किनारे किनारेतमन्ना यही है कि लहरों से खेलें
नसीबों की गर्दिश को हँस-हँसके झेलें
उमंगों की राह में बिछाकर सितारे
चले जा रहे हैं किनारे किनारेचले जा रहे हैं ...