हम छोड़ चले हैं महफिल को - The Indic Lyrics Database

हम छोड़ चले हैं महफिल को

गीतकार - इन्दीवर | गायक - मुकेश | संगीत - कल्याणजी, आनंदजी | फ़िल्म - जी चाहता है | वर्ष - 1964

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हम छोड़ चले हैं महफ़िल को याद आये कभी तो मत रोना
इस दिल को तसल्ली दे देना, घबराये कभी तो मत रोना
हम छोड़ चले हैं महफ़िल को ...एक ख़्वाब सा देखा था हमने
जब आँख खुली वो टूट गया
ये प्यार अगर सपना बनकर
तड़पाये कभी तो मत रोना
हम छोड़ चले हैं महफ़िल कोतुम मेरे ख़यालों में खोकर
बरबाद न करना जीवन को
जब कोई सहेली बात तुम्हें
समझाये कभी तो मत रोना
हम छोड़ चले हैं महफ़िल को ...जीवन के सफ़र में तनहाई
मुझको तो न ज़िन्दा छोड़ेगी
मरने की खबर ऐ, जान-ए-जिगर
मिल जाये कभी तो मत रोना
हम छोड़ चले हैं महफ़िल को ...