कुछ देर अभी हमसे तुम यूँ ही ख़फ़ा रहना - The Indic Lyrics Database

कुछ देर अभी हमसे तुम यूँ ही ख़फ़ा रहना

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - मुकेश | संगीत - रोशन | फ़िल्म - दिल ही तो है | वर्ष - 1963

View in Roman

गुस्से में जो निखरा है, उस हुस्न का क्या कहना
कुछ देर अभी हमसे तुम यूँ ही ख़फ़ा रहना
इस हुस्न के शोले की तस्वीर बना लें हम
इन गर्म निगाहों को सीने से लगा लें हम
पल भर इसी आलम में ऐ जान-ए-अदा रहना
ये दहका हुआ चेहरा, ये बिखरी हुईं ज़ुल्फ़ें
ये बढ़ती हुई धड़कन, ये चढ़ती हुईं साँसें
सामान-ए-क़ज़ा हो तुम, सामान-ए-क़ज़ा रहना
पहले भी हसीं थीं तुम, लेकिन ये हक़ीक़त है
वो हुस्न मुसीबत था, ये हुस्न क़यामत है
औरों से तो बढ़कर हो, ख़ुद से भी सिवा रहना