महरबाँ महरबाँ क्यूं हो नाराज़ तुम - The Indic Lyrics Database

महरबाँ महरबाँ क्यूं हो नाराज़ तुम

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - आशा भोंसले, सुखविंदर सिंह | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - तहजीब | वर्ष - 2003

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आ : महरबाँ महरबाँ महरबाँऐ महरबाँ महरबाँ
महरबाँ महरबाँ
( क्यूँ हो नराज़ तुम
क्यूँ हो तुम बदगुमाँ
महरबाँ ऐ महरबाँ
महरबाँ महरबाँ ) -२
सु : ( महरबाँ महरबाँ
महरबाँ महरबाँ
महरबाँ महरबाँ ) -२आ : अब जो हम हैं मिले
छोड़ो शिक़वे गिले
जो मेरी भूल थी
मैंने वो मान ली
दो : प्यार दिल में रहा
पर न तुम से कहा
सु : प्यार दिल में रहा
पर न तुम से कहा
आ: मैंने होंठों पे रख ली थीं ख़मोशियाँ
महरबाँ ऐ महरबाँ
महरबाँ महरबाँ ऐआ : मैंने समझा था तुम जान लोगे मुझे
मैंने समझा था पहचान लोगे मुझे
मेरे ग़ुस्से में भी रंग था प्यार का
लफ़्ज़ इन्कार का लहज़ा इकरार का
ये जो अन्दाज़ थे
ये जो अन्दाज़ थे
तुम से कब राज़ थे
अन्कही-अनसुनी फिर भी क्यों दास्ताँ
महरबाँ महरबाँ
महरबाँ महरबाँसु : ( महरबाँ महरबाँ
महरबाँ महरबाँ
महरबाँ महरबाँ ) -२आ : आओ तुम से
सु : हाँ-हाँrecites
आ : आओ तुम से कहूँ दिल की हर बात मैं
तुम से कर दूँ बयाँ अपने जज़्बात मैंsings
तुम से कर दूँ बयाँ अपने जज़्बात मैं
तुम अगर पास हो तो नहीं कोई ग़म
मैं रहूँ ना रहूँ तुम तो हो कम से कम
वक़्त की राह पर मेरा अगला क़दम
मुझ को पाओगे तुम जाओगे तुम जहाँ
महरबाँ महरबाँ
महरबाँ महरबाँ
महरबाँ
सु : ( महरबाँ महरबाँ
महरबाँ महरबाँ
महरबाँ महरबाँ
आ : महरबाँ ) -४
आ : है