ना तो आज बारसात का मौसम बिना बदरा के बिजुरिया - The Indic Lyrics Database

ना तो आज बारसात का मौसम बिना बदरा के बिजुरिया

गीतकार - अंजान | गायक - मुकेश, पुरुष आवाज | संगीत - कल्याणजी, आनंदजी | फ़िल्म - बंधन | वर्ष - 1969

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मु : ना तो आज बरसात का मौसम ना कहीं छाई बदरिया
फिर भी मोरे जियरा में चमके अरे थम-थम कोई बिजुरिया
को : वा-वाह-वाह तोहरा जवाब नाहींमु : बिना बदरा के बिजुरिया कैसे चमके
को : हो बिना बदरा के बिजुरिया कैसे चमके
मु : कैसे चमके कोई पूछे रे हमसे
को : कैसे चमके कोई पूछे रे हमसे
मु : हो बिना बदरा के ...
को : हो बिना बदरा के ...मु : राहों में जब गोरी नयना मिलाये के
को : नयना मिलाये के
मु : मुस्काये घुँघटा में मुखड़ा छिपाये के
( तो मर जाएँ ) -२ हम तो क़सम से क़सम से
मु : बिना बदरा के ...
को : हो बिना बदरा के ...
मु : कैसे चमके ...
को : हो बिना बदरा के ...मु : बैठे हों जब मीठे सपने सजाये के
को : सपने सजाये के
मु : ऐसे में हौले से पास कभी आये के
( जो बिछवा ) -२ बजाये दे गोरी छम से क़सम से
मु : बिना बदरा के ...
को : हो बिना बदरा के ...
मु : कैसे चमके ...
को : हो बिना बदरा के ...