आवारा दिल आया माही इश्क की गली में - The Indic Lyrics Database

आवारा दिल आया माही इश्क की गली में

गीतकार - समीर | गायक - सुखविंदर सिंह, सहगान, सुनिधि चौहान, ऋचा शर्मा | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - अब के बरस | वर्ष - 2002

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आवारा दिल दिल आवारा मुझको तेरे इश्क़ ने मारा
आया माही आया माही आया माही होय होय
आवे माही आजा सजना आजा माही
आया माही आया आया माही आया इश्क़ की गली में हो
पाया मैने इश्क़ को पाया इश्क़ को पाया इश्क़ की गली में होमैने पुकारा तुझे भीगी बरसात में
चूड़ी भी खनकी मेरी सावन की रात में
बंद आँखों से तेरा दीदार किया
मैने भी तो तेरा इंतज़ार किया
ओ तेरी बातों पे माही मुझे एतबार है
तुझसे मिलने को जिया मेरा बेकरार है
रोग मैने रोग मैने दिल का लगाया दिल का लगाया
इश्क़ की गली में हो
आया माही आया ...निंदिया निगोड़ी छेड़े मुझको कल शाम से
चुनरी महकती जाए तेरे ही नाम से
तुझे बाहों में भर के मैं प्यार करूँ
जान तुझपे मैं जां भी निसार करूँ
दिल तेरा डोले डोले कितने आराम से
जादू चलाने वाले गए हम काम से
दर्द-ए-दिल दर्द-ए-दिल दिलबर से छुपाया दिलबर से छुपाया
इश्क़ की गली में हो
आया माही आया ...आवे माही तू नाराज़ क्यूँ होवे
तेरे लक्ख अहसान मनेसां
होय होय
आऊंदा देख के देवां सजदे तेरे भज भज कदम चुमेसां
आया माही आया ...
होय होय