शम्मा में ताकत कहां जो एक परवाने में हैं - The Indic Lyrics Database

शम्मा में ताकत कहां जो एक परवाने में हैं

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - नया कानून | वर्ष - 1965

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शम्मा में ताक़त कहाँ जो एक परवाने में है -२
लुत्फ़ जलने में नहीं जल-जल के मर जाने में है -२
शम्मा में ताक़त ...चाँदनी रातों में अक्सर सोचता रहता हूँ मैं
किसकी ये तस्वीर है जो दिल के वीराने में है -२
शम्मा में ताक़त ...मय की मस्ती तो उतर जाती है थोड़ी देर में
ज़िन्दगी भर का नशा आँखों के पैमानों में है
शम्मा में ताक़त ...तू कहे तो आसमाँ की धज्जियाँ कर दूँ सनम
आज इक ऐसी ही वहशत तेरे दीवाने में है -२
लुत्फ़ जलने में ...