ना ले के जाओ मेरे दोस्त का जाना हैं - The Indic Lyrics Database

ना ले के जाओ मेरे दोस्त का जाना हैं

गीतकार - गुलजार | गायक - जसपिन्दर नरूला | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - फ़िज़ा | वर्ष - 2000

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ना ले के जाओ मेरे दोस्त का जनाज़ा है
अभी तो गर्म है मिट्टी ये जिस्म ताज़ा है
ना ले के जाओ ...उलझ गई है कहीं साँस खोल दो इस की
लबों पे आई है जो बात पूरी करने दो
अभी उम्मीद भी जिन्दा है ग़म भी ताज़ा है
ना ले के जाओ ...जगाओ इस को गले मिल के अलविदा तो कहूँ
ये कैसी रुख़सती है ये क्या सलीका है
अभी तो जीने का हर एक ज़ख्म ताज़ा है
ना ले के जाओ ...