आन मिलो या मिलने से इंकार करो - The Indic Lyrics Database

आन मिलो या मिलने से इंकार करो

गीतकार - समीर | गायक - कविता कृष्णमूर्ति, उदित नारायण | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - बीवी नंबर 1 | वर्ष - 1999

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आन मिलो या मिलने से इन्कार करो
फ़ैसला जो भी करना है इक बार करो
दिल में रह कर बात असर खो बैठेगी
होंठ हैं चुप तो आँखों से इकरार करोखुल्लम खुल्ला ना ऐसे इज़हार करो
चोरी चोरी जो करना हो यार करो
दीवाने हो दीवानापन करते हो
जाओ जाओ ऐसे ना तकरार करो
आन मिलो या ...बेचैन हूँ मैं बेताब तुम हो
देखो न ऐसे ना ना करो
समझो मेरी क्या मजबूरियाँ हैं
देखो ना ऐसे आहें भरो
दर्द-ए-जिगर कैसे सहूँ
मैं तेरे बिन कैसे रहूँ
ऐसे छुप छुप के ना तुम दीदार करो
थोड़ा ठहरो फिर जी भर के प्यार करो
दिल में रह कर ...अच्छा नहीं है इतना सताना
अच्छी नहीं ये दीवानगी
कैसे बुझाऊँ बुझती नहीं है
ये प्यास कैसी मन में जगी
पागल बड़े तुम हो सनम
छेड़ो न यूँ तुम को कसम
पास बैठो बातें तुम दो चार करो
थोड़ा ठहरो फिर जी भर के प्यार करो
फ़ैसला जो भी ...