तुम्हारे खत में नया इक सलाम किसका था - The Indic Lyrics Database

तुम्हारे खत में नया इक सलाम किसका था

गीतकार - दाग देहलवी | गायक - गुलाम अली | संगीत - | फ़िल्म - यादगर गजलें (गैर फिल्म) | वर्ष - 1990

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तुम्हारे ख़त में नया इक सलाम किसका था
न था रक़ीब तो आख़िर वो नाम किसका थारहा न दिल में वो बेदर्द और दर्द रहा
मुक़ीम कौन हुआ है मक़ाम किसका थावफ़ा करेंगे, निबाहेंगे, बात मानेंगे
तुम्हें भी याद है कुछ ये कलाम किसका थागुज़र गया वो ज़माना कहूँ तो किससे कहूँ
ख़याल दिल को मेरे सुबह-ओ-शाम किसका थावो क़त्ल करके मुझे हर किसी से पूछते हैं
ये काम किसने किया है ये काम किसका थाइन्हीं सफ़ात से होता है आदमी मशहूर
जो लुत्फ़ आप वो करते तो नाम किसका थान पूछ गच्छ किसी की वहाँ न आव-भगत
तुम्हारी बज़्म में कल एहतराम किसका थाहमारे ख़त के तो पुर्जे किये पढ़ा भी नहीं
सुना जो तुमने ब-दिल वो पयाम किसका थाहर एक से कहते हैं क्या 'दाग़' बेवफ़ा निकला
ये पूछे इनसे कोई वो ग़ुलाम किसका था