रस्ते रस्ते कभी सूँघता हुं क्या ये प्यार है - The Indic Lyrics Database

रस्ते रस्ते कभी सूँघता हुं क्या ये प्यार है

गीतकार - जयदीप साहनी | गायक - सुनिधि चौहान, विनोद राठौड़ | संगीत - संदेश शांडिल्य | फ़िल्म - रोड | वर्ष - 2002

View in Roman

रस्ते रस्ते कभी सूँघता हूँ तुझे दर दर ढूँढते
ज़िंदगी ये कहीं खरच ना हो जाए घर घर घूमते
क्या ये प्यार हैऽ क्या ये प्यार हैऽ
हाँ रे प्यार हैऽ हाँ ये प्यार हैऽरस्ते रस्ते कभी सूँघती हूँ तुझे दर दर ढूँढते
ज़िंदगी ये कहीं खरच ना हो जाए घर घर घूमते
क्या ये प्यार हैऽ क्या ये प्यार हैऽ
हाँ रे प्यार हैऽ एऽ हाँ ये प्यार हैऽघर पे उदास दुनिया नाराज़ कुछ तो सही किया होगा
हमें जो रोकते हैं अपनी उमर में उन्हों ने भी तो यही किया होगा
हे ये न करो वो न करो तुमऽ सब बकवास हैवो है बीमार है लाइलाज़ प्यार से जो दूर दूर भागे
अरे उन को सलाह दो उस को दवा दो देखे हमें और थोड़ा जागे
हाँ हो गया जो हो गया एऽ हम तैयार हैं