नैनों के बान की ऋत अनोखी - The Indic Lyrics Database

नैनों के बान की ऋत अनोखी

गीतकार - वाली साहब | गायक - शमशाद बेगम, पुरुष स्वर | संगीत - गुलाम हैदर | फ़िल्म - | वर्ष - 1941

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नैनों के बान की रीत अनोखी -२
बान चले और नैन न देखें -२
नैनों के बान की
नैन से निकलें नैन में आयें -२
नैनों से हिरदय में समायें -२
एक बान से आग लगा कर -२
एक बान से आग बुझायें
गालों में गुल और बैन न देखें
बान चले और नैन न देखें -२
नैनों के बान की रीतकलियों की मुस्कानी रानी
भँवरों का सुख चैन न देखें -२
हँसी हँसी में मन यूँ छीनें -२
हँस चुगें ज्यूँ सीप से मोती -२दो: या ज्यूँ पवन चले और चल कर -२
हाँ छीन ले निर्बल दीप से ज्योति -२पवन सुनें और नैन न देखें
बान चले और नैन न देखें -२
नैनों के बान की