इतना हुस्न पे हुजुउर ना गुरुउर किजी - The Indic Lyrics Database

इतना हुस्न पे हुजुउर ना गुरुउर किजी

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मुकेश | संगीत - खैय्याम | फ़िल्म - मोहब्बत इसे कहते हैं | वर्ष - 1965

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इतना हुस्न पे हुज़ूर ना ग़ुरूर कीजिए
दिल के मारों का ख़्याल कुछ ज़रूर कीजिएयूँ न फेरिए नज़र मुड़ के देखिए इधर
कहिए जो भी चाहिए इतनी अर्ज़ है मगर
जो हैं आपके उन्हें यूँ न दूर कीजिए
इतना हुस्न पे हुज़ूर ...रोको ज़ुल्फ़ को यहीं क़ाबू दिल पे अब नहीं
ये दीवाना आपका ज़ुल्फ़ें छू न ले कहीं
यूँ न रूठ के हमें मजबूर कीजिए
इतना हुस्न पे हुज़ूर ...यह तो जानते हैं हम गुस्सा तुम नहीं सनम
जाते-जाते आपके अब तो रुक गए क़दम
( कहिए है ना दिल की बात ) -२ मंज़ूर कीजिए
इतना हुस्न पे हुज़ूर ...