घुंघट पत नाही खोलुं - The Indic Lyrics Database

घुंघट पत नाही खोलुं

गीतकार - पंडित इंद्र | गायक - जहांआरा कजान | संगीत - खेमचंद प्रकाश | फ़िल्म - भरथरी | वर्ष - 1944

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घूँघट पट नाही खोलूँ
मुख से कछु नाही बोलूँ
नैनन में कौन बसे
कैसे भेद खोलूँ राजामधुर मधुर उनके बैन
सुन सुन जिया परत चैन
उलझे नित रहत नैन
मन से मन को तोलूँ राजासज कर सोलह सिंगार
लेकर कलियन का हार
कब से प्रीतम के द्वार
बावरी सी डोलूँ राजा