जादू है नशा हैं - The Indic Lyrics Database

जादू है नशा हैं

गीतकार - नीलेश मिश्रा | गायक - शान, श्रेया घोषाल | संगीत - एम एम करीम | फ़िल्म - जिस्म | वर्ष - 2003

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जादू है नशा है मदहोशीयाँ
तुझको भूलाके अब जाऊँ कहाँ
देखती है जिस तरह से तेरी नज़रें मुझे
मैं खुद को छुपाऊँ कहाँ
जादू है नशा है मदहोशीयाँ
तुझको भूलाके अब जाऊँ कहाँये पल है अपना तो इस पल को जी लें
शोलों की तरहा जरा जल के जी लें
पल झपकते खो ना जाना
छूके कर लूं यकीँ
ना जाने पल ये पायें कहाँ
जादू है नशा है मदहोशीयाँ
तुझको भूलाके अब जाऊँ कहाँबाहों में तेरी यूं खो गये हैं
अरमाँ दबे से जगने लगे हैं
जो मिले हो आज हम को
दूर जाना नहीं
मिटादो सारी ये दूरीयाँ
जादू है नशा है मदहोशीयाँ
तुझको भूलाके अब जाऊँ कहाँ
देखती है जिस तरह से तेरी नज़रें मुझे
मैं खुद को छुपाऊँ कहाँजादू है नशा है मदहोशीयाँ
तुझको भूलाके अब जाऊँ कहाँ
शमा तुझको खींचती है आजा
परवाने मेरी बाहों में आ
जादू है नशा है मदहोशीयाँ
तुझको भूलाके अब जाऊँ कहाँकुछ भी ना समझेए कुछ भी ना माने
दिल कर रहा है कितने बहाने
तुम को देखे तुम को चाहे
इस तरह से कभी
हम ने किसी को चाहा कहाँ
जादू है नशा है मदहोशीयाँ
तुझको भूलाके अब जाऊँ कहाँलो थाम लो ये लम्हों के धागे
हम चल पडे हैं सपनों के आगे
रस्ता ये है कठिन पर इस सफ़र में कभी
न होंगी कोई अब दूरीयाँ
जादू है नशा है मदहोशीयाँ
तुझको भूलाके अब जाऊँ कहाँ
शमा तुझको खींचती है आजा
परवाने मेरी बाहों में आ