इन्सानियत ही सब से पहला धर्म है इन्सान का - The Indic Lyrics Database

इन्सानियत ही सब से पहला धर्म है इन्सान का

गीतकार - गुलशन बावरा | गायक - आरती मुखर्जी | संगीत - राहुल देव बर्मन | फ़िल्म - राम तेरे कितने नाम | वर्ष - 1985

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इन्सानियत ही सब से पहला धर्म है इन्सान का
इसके बाद ही पन्ना खोलो गीता और कुरान का
कौन सा ग्रंथ ये कहता है ये तेरा है ये मेरा है
सब ही संत कहे ये दुनिया चार दिनों का डेरा है
यही चार दिन जियो प्यार से क्यों ख़तरा हो जान का
प्यार ही है इन्सान का मजहब हर भाषा का मतलब प्यार
राम रहीम ईसा और नानक प्यार की बीना के हैं तार
धर्म के नाम पे झगड़ा करना काम है ये शैतान का
जागो वर्ना दुनिया का गुलशन वीराना हो जाएगा
मौत की नींद में हर एक इन्सां बेमतलब सो जाएगा
कुछ न रहेगा कुछ न बचेगा इतने बड़े जहान का