जिंदगी ये जिंदगी जवानी झुम के गाए - The Indic Lyrics Database

जिंदगी ये जिंदगी जवानी झुम के गाए

गीतकार - निदा फ़ाज़ली, विट्ठलभाई पटेल | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - आर डी बर्मन | फ़िल्म - दौलत | वर्ष - 1981

View in Roman

(ज़िंदगी ये ज़िंदगी
दो घड़ी की ज़िंदगी
कौन जाने किस बहाने मौत आ जाए
(जवानी झूम के गाए) -४) -२(तेरे मेरे बीच कोई दूरी ना रहे
प्यास मेरे मन की अधूरी ना रहे) -२
मनचली मैं मनचली
ऐसी हूँ मैं मंचली
कौन जाने किस बहाने बात बन जाए
(जवानी झूम के गाए) -४(आँखें ना चुरा हम से आँखें तो मिला
रह ना जाए आज कोई शिकवा गिला) -२
अरे आ गई मैं आ गई
तेरे लिये मैं आ गई
कौन जाने किस बहाने राज़ खुल जाए
(जवानी झूम के गाए) -४(सारे उजाले बदल जाएँगे
हम तो चुपके से निकल जाएँगे) -२
रुक गई मैं रुक गई
तेरे लिये मैं रुक गई
कौन जाने किस बहाने जाम टकराए
(जवानी झूम के गाए) -४ज़िंदगी ये ज़िंदगी ...