रोना है बेकर पगली - The Indic Lyrics Database

रोना है बेकर पगली

गीतकार - पं. मधुर | गायक - महिला आवाज?, रंजीत रॉय | संगीत - कमल दासगुप्ता | फ़िल्म - जवाबी | वर्ष - 1942

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र : रोना है बेकार पगली रोना है बेकार -२
अपने मन की बात छुपाती
कुछ पूछो और कुछ बतलाती
तेरे ये नयना कह देते हैं -२
जीत हुई या हार पगली -२
हुई या हारअरे शराभी ओ हुशियार
( नशे में कर दी ख़ाली बोतल
और दुनिया को कहता पागल ) -२
क्यूँ कर मन के गीत सुनायें
क्यूँ कर
क्यूँ कर मन के गीत सुनायें
टूट गया सीतार शराबी -२
टूट गया सीतारर : माना के मैं हूँ दीवाना
मगर तुझे भी है पहचाना
दीवाने से दीवाने की
ये कैसी तकरार पगली -२
ये कैसी तकरार( हाँ-हाँ
हाँ-हाँ हम दोनों दीवाने ) -२
गायें पागलपन के गाने -२
यही नशा पहूँचा देता है -२
प्रेमी को उस पार शराबी -२
प्रेमी को उस पार