न जाओ सैयाँ, छुड़ा के बैयाँ - The Indic Lyrics Database

न जाओ सैयाँ, छुड़ा के बैयाँ

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - गीता दत्त | संगीत - हेमंत कुमार | फ़िल्म - साहिब बीबी और गुलाम | वर्ष - 1962

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न जाओ सैयाँ, छुड़ा के बैयाँ
कसम तुम्हारी मैं रो पड़ूँगी
मचल रहा है सुहाग मेरा
जो तुम ना होंगे, तो क्या करूँगी
ये बिखरी जुल्फें, ये खिलता गजरा
ये महकी चुनरी, ये मन की मदीरा
ये सब तुम्हारे लिए है प्रीतम
मैं आज तुम को ना जाने दूँगी, जाने ना दूँगी
मैं तुम्हरी दासी, जनम की प्यासी
तुम्हीं हो मेरा सिंगार प्रीतम
तुम्हारे रस्ते की धूल ले कर
मैं माँग अपनी सदा भरूँगी, सदा भरूँगी
जो मुझसे अंखियाँ चुरा रहे हो
तो मेरी इतनी अर्ज भी सुन लो
तुम्हारे चरणों में आ गई हूँ
यहीं जिऊँगी, यहीं मरूँगी, यहीं मरूँगी