जाग दर्द ए इश्क जाग दिल को बेकरार करी - The Indic Lyrics Database

जाग दर्द ए इश्क जाग दिल को बेकरार करी

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता मंगेशकर, हेमंत कुमार | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - अनारकली | वर्ष - 1953

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हे: जाग दर्द-ए-इश्क़ जाग, जाग दर्द-ए-इश्क़ जाग
दिल को बेक़रार कर, छेड़ के आँसुओं का राग
जाग दर्द-ए-इश्क़ जाग, जाग दर्द-ए-इश्क़ जाग
जाग..., जाग...ल: आ आ...
किसको सुनाऊँ दास्तां, किसको दिखाऊँ दिल के दाग़
जाऊँ कहाँ कि दूर तक, जलता नहीं कोई चिराग़ -२
राख बन चुकी है आग, राख बन चुकी है आग
हे: दिल को बेक़रार कर, छेड़ के आँसुओं का राग
जाग दर्द-ए-इश्क़ जाग, जाग...हे: ऐसी चली हवा-ए-ग़म, ऐसा बदल गया समा -२
रूठ के मुझ से चल दिये ...
रूठ के मुझ से चल दिये, मेरी खुशी के कारवां
डस रहें हैं ग़म के नाग
दोनो: जाग दर्द-ए-इश्क़ जाग, जाग दर्द-ए-इश्क़ जाग
दिल को बेक़रार कर, छेड़ के आँसुओं का राग
जाग दर्द-ए-इश्क़ जाग, जाग...हे: आँख ज़रा लगी तेरी, सारा जहान सो गया
ये ज़मीन सो गई, आसमान सो गया
सो गया प्यार का चिराग़
जाग, जाग, जाग, जाग