कितना पागल दिल है जो भी यहाँ प्यार करे - The Indic Lyrics Database

कितना पागल दिल है जो भी यहाँ प्यार करे

गीतकार - समीर | गायक - कुमार शानू, अलका याज्ञनिक | संगीत - नदीम, श्रवण | फ़िल्म - अंदाज | वर्ष - 2003

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हो ( हे हे हे हू हू हू हा हा हा ला ला ला ला ) -२कितना पागल दिल है कैसी ये मुश्क़िल है
बेवजह किसी पे ऐतबार करें
जो भी यहाँ प्यार करे जीना दुश्वार करे ओ ओ ओ -२कोई समझाए कैसे इश्क़ न कहना माने
इश्क़ कहते हैं किसको जो करे वो ही जाने
डूब जाते दीवाने इश्क़ की गहराई में
बेक़रारी मिलती है इश्क़ की तन्हाई में
जो ख़ुद को बेक़रार करे जीना दुश्वार करे ओ ओ ओ -२
जो भी यहाँ प्यार ...आसमाँ के तारों को हाथ से छू लें कैसे
दिलरुबा की बातों को दिल भला भूले कैसे
इश्क़ की सौग़ाते हैं बेक़रारी तन्हाई
याद कुछ दिल को आया आँख मेरी भर आई
जो कल का इन्तज़ार करे जीना दुश्वार करे ओ ओ ओ -२
जो भी यहाँ प्यार ...
कितना पागल दिल ...ऊ ऊ ऊ ऊ ऊ ऊ आ हा हा रा रा रा रा -२
कितना पागल दिल है कैसी ये मुश्क़िल है
बेवजह किसी का इन्तज़ार करें
जो भी यहाँ प्यार करे जीना दुश्वार करे हाय -२अपने महबूब सनम को दिल कभी भूल न पाए
साथ चलते हैं पल-पल बीती यादों के साए
चाँद-तारें बुझ जाएँ रात काली हो जाए
एक दिलबर न हो तो दुनिया ख़ाली हो जाए
हर लम्हा दीदार करे जीना दुश्वार करे हाय -२
जो भी यहाँ प्यार ...यही तो प्यार का अन्दाज़ है रे आ आ आ ओ ओ ओ ओआँखों-आँखों से कोई तीर चलता रहता है
इस क़दर सावन में भी जिस्म जलता रहता है
प्यास जितनी रोकूँ मैं उतनी बढ़ती जाती है
दूरियों की बेचैनी मुझको ओय तड़पाती है
शाम-ओ-सहर बेज़ार करे जीना दुश्वार करे हाय -२
जो भी यहाँ प्यार ...
कितना पागल दिल ...