भड़की आग जुदाई की - The Indic Lyrics Database

भड़की आग जुदाई की

गीतकार - | गायक - | संगीत - | फ़िल्म - | वर्ष - 1999

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भड़की आग जुदाई की
भड़की आग जुदाई की तो जल जाये गुलबुते
रब रूठे तो रूठे किसी का यार कभी न रूठे
रब रूठे तो रूठे किसी का यार कभी न रूठे
किसी का यार कभी न रूठे

सब देखे जब गिर कर कोई शीशा टूटे चैन से
सब देखे जब गिर कर कोई शीशा टूटे चैन से
वो आवाज न सुने कोई जो निकले टूटे मन से
असर किसी कोई न हो
असर किसी कोई न हो
जब प्यार भरा दिल टूटे उह
रब रूठे तो रूठे किसी का यार कभी न रूठे
रब रूठे तो रूठे किसी का यार कभी न रूठे
बढ़के आग जुदाई की तो जल जाये गुलबुते
रब रूठे तो रूठे किसी का यार कभी न रूठे
किसी का यार कभी न रूठे

हमको छोड़ के जाने वाला जहा कही जायेगा
हमको छोड़ के जाने वाला जहा कही जायेगा
 

अपने कदमों में वो हमको बिखरा हुआ पायेगा
सचा अपने प्यार का नाता
सचा अपने प्यार का नाता
रब रूठे तो रूठे किसी का यार कभी न रूठे
रब रूठे तो रूठे किसी का यार कभी न रूठे
भड़की आग जुदाई की तो जल जाये गुलबुते
रब रूठे तो रूठे किसी का यार कभी न रूठे
किसी का यार कभी न रूठे

अपना दिल है जलता चन्दन जिस्मे है ये जादू
अपना दिल है जलता चन्दन जिस्मे है ये जादू
सब कुछ लुट जाये अपना ये खुसबू कोई न लुटे
रब रूठे तो रूठे किसी का यार कभी न रूठे
रब रूठे तो रूठे किसी का यार कभी न रूठे
भड़की आग जुदाई की तो जल जाये गुलबुथे
रब रूठे तो रूठे किसी का यार कभी न रूठे
रब रूठे तो रूठे किसी का यार कभी न रूठे
किसी का यार कभी न रूठे किसी का यार कभी न रूठे
किसी का यार कभी न रूठे न रूठे.