वतन वे ओ मेरेया वतना वे - The Indic Lyrics Database

वतन वे ओ मेरेया वतना वे

गीतकार - गुलजार | गायक - रूप कुमार राठौड़, उत्तम सिंह | संगीत - उत्तम सिंह | फ़िल्म - पिंजर | वर्ष - 2003

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वतना वे, ओ मेरेया वतना वे
वतना वे, ओ मेरेया वतना वे(वतना वे, ओ मेरेया वतना वे) -३
बंट गये तेरे आँगन
बुझ गये चूल्हे साँझे
लुट गयी तेरी हीरें
मर गये तेरे राँझे
(वतना वे, ओ मेरेया वतना वे) -२कौन तुझे पानी पूछेगा, फ़सलें सींचेगा
कौन तेरी माटी में ठंडी छाँव बीजेगा
ओऽऽऽऽ
कौन तुझे पानी पूछेगा, फ़सलें सींचेगा
कौन तेरी माटी में ठंडी छाँव बीजेगा
बैरी काट के ले गये तेरियाँ ठंडियाँ छाँवाँ वे
(वतना वे, ओ मेरेया वतना वे) -२
बंट गये तेरे आँगन ...हम न रहे तो कौन बसायेगा तेरा वीराना
मुड़ के हम न देखेंगे और तू भी याद न आना
ओऽऽऽऽ
हम न रहे तो कौन बसायेगा तेरा वीराना
मुड़ के हम न देखेंगे और तू भी याद न आना
गीटे कंचे बाँट के कर ली कर ली कुट्टी वतना वे
(वतना वे, ओ मेरेया वतना वे) -२
बंट गये तेरे आँगन ...
(वतना वे, ओ मेरेया वतना वे ) -२उत्तम: वतना वेऽऽऽ
रूप: (वतना वे ओ मेरेया वतना वे) -७