कोख के रथ में मुझे रख कर चलती थी - The Indic Lyrics Database

कोख के रथ में मुझे रख कर चलती थी

गीतकार - Nil | गायक - Nil | संगीत - Nil | फ़िल्म - Nil | वर्ष - Nil

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कोख के रथ में मुझे रख कर चलती थी
कितना खुश था ऐ माँ
जब मैं घबराया, तब तू अपनाया
तेरी चुनरी ही साया था माँ
मेरे रग रग में तेरा नाम है माँ
तू ही मेरे दिल की सांस हो माँ
सपनों को खोए हैं
अपनों को खोए हैं
इनको इन्साफ मिलता नहीं
खून भी बह गया
चैन भी उड़ गया
डर मिटाने वाले कोई नहीं
तुझी को इनके खुदा बनके रहना है
तुझको करता हूँ मैं यकीं