कोई ये कैसे बताए - The Indic Lyrics Database

कोई ये कैसे बताए

गीतकार - कैफ़ी आज़मी | गायक - जगजीत सिंह | संगीत - जगजीत सिंह | फ़िल्म - अर्थ | वर्ष - 1983

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कोई ये कैसे बताए कि वो तनहा क्यों है
वो जो अपना था वही और किसी का क्यों है
यही दुनिया है तो फिर ऐसी ये दुनिया क्यों है
यही होता है तो आखिर यही होता क्यों है?
इक ज़रा हाथ बढ़ा दें तो पकड़ लें दामन
उस के सीने में समा जाए हमारी धड़कन
इतनी क़ुर्बत है तो फिर फ़ासला इतना क्यों है?
दिल-ए-बरबाद से निकला नहीं अब तक कोई
इक लुटे घर पे दिया करता है दस्तक कोई
आस जो टूट गई फिर से बंधाता क्यों है?
तुम मसर्रत का कहो या इसे ग़म का रिश्ता
कहते हैं प्यार का रिश्ता है जनम का रिश्ता
है जनम का जो ये रिश्ता तो बदलता क्यों है?