तुमको अपनी ज़िन्दगी - The Indic Lyrics Database

तुमको अपनी ज़िन्दगी

गीतकार - हसरत | गायक - सी एच आत्मा | संगीत - शंकर-जयकिशन | फ़िल्म - नगीना | वर्ष - 1951

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तुमको अपनी ज़िन्दगी का आसरा समझे थे हम
बेवफ़ा निकले हो तुम कब बेवफ़ा समझे थे हम
दिल बेक़रार है मेरा दिल बेक़रार है
उस बेक़दर का तीर मेरे दिल के पार है
समझे हुये थे हम जिसे उल्फ़त की चाँद-रात
उल्फ़त की चाँद-रात
हमको जला रही है उस बेवफ़ा की बात
बिगड़े हुये
बिगड़े हुये नसीब पे क्या एख़्तियार है
दिल बेक़रार है मेरा दिल बेक़रार है
दुनिया के साथ-साथ यूँही वो भी बदल गये
वो भी बदल गये
आँखों से आँसुओं के जनाज़े निकल गये
तक़दीर की
तक़दीर की नज़र लगी हर फूल ख़ार है
दिल बेक़रार है मेरा दिल बेक़रार है
उस बेक़दर का तीर मेरे दिल के पार है$